भारत का जनतंत्र अत्याचार पर सबार
अति स्वयं मे छति है अतिवाद है आधार
किन्तु कुछ नहीं बहुत गलत कहता देश का कंर्धार
पूछो बता देगा टाटा बिरला अम्बानी सिब्बल या शरद पवार
गरीबो का बखरा क्या न अखरा दो हजार का जोतैदार
बी पि मनडल नाम था शायद जैशा कहता है अख़बार
पिछरी जाती मे अवतार धनि वग्र से जुरता तार
डा ० लोहिया रोकते रह गये फिर भी तोर दिया सरकार
Friday, February 3, 2012
आदमी दिवालिया से क्या कहू
आदमी दिवालिया से क्या कहू
आदमियत ही न तो क्या आदमी
मंच पर प्रपंच भी जब दीखता
क्या बताता यह नहीं क्या आदमी
आदमियत ही न तो क्या आदमी
मंच पर प्रपंच भी जब दीखता
क्या बताता यह नहीं क्या आदमी
आजादी की दूसरी लराई
जो हमारे दिल मे है जन लोकपाल बिल मे है
जो हमारे हित मे है अन्ना जी के चित मे है
अन्ना अन्ना अन्ना है देश की तमन्ना है
जो हमारे हित मे है अन्ना जी के चित मे है
अन्ना अन्ना अन्ना है देश की तमन्ना है
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